जनसाधारण  में प्रचलित गीता में अनेक विसंगितियाँ  पाई जाती हैं |  कुरुक्षेत्र की रणभूमि खड़े खड़े 700 श्लोकों का इतना लंबा  व्याख्यान  सम्भव न था | इंडोंनेशिया के  बाली द्वीप पर रहने वाले सन्यासी मंगलानन्द पुरी जी से प्राप्त हुई मूल गीता में केवल 70 श्लोक है | उसी प्रचीन असली गीता को इस पुस्तक रूप में पुनः प्रकाशित किया गया है |

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