6 वैदिक दर्शनों में योग दर्शन का अपना विशिष्ट स्थान है| इस दर्शन में योग का वास्तविक स्वरुप, योग का फल, योग के क्रियात्मक उपाय, योग के भेद और योग में उपस्थित होने वाले बाधकों का विस्तृत विवेचन किया गया है | इस दर्शन की रचना महर्षि पतंजलि ने की थी |
Author: Swami Satyapati Parivrajak
Publisher: Darshan Yog Mahavidyalaya