धर्म का मूल वेद ही है, जो भी विचार मत-मतान्तरों में श्रेष्ठ हैं, वे सब वेद के हैं तथा जो गलत-अनुचित है, वह सब मतवादियों का अपना है।
Author: Pt. Shri Lakshmanji Aryoupdeshak
Publisher: Vijay Kumar Govindram Hasanand
धर्म का मूल वेद ही है, जो भी विचार मत-मतान्तरों में श्रेष्ठ हैं, वे सब वेद के हैं तथा जो गलत-अनुचित है, वह सब मतवादियों का अपना है।
Showing the single result
No account yet?
Create an Account