महात्मा हंसराज की यह प्रेरणादायक चित्रकथा विशेष तौर से से बच्चों, किशोरों और युवाओं के लिए तैयार की गयी, ताकि इसे पढ़कर उनमें स्वदेशप्रेम, स्वाभिमान, वैदिक धर्म के प्रति निष्ठा और भारतीय संस्कारों के बीज अंकुरित हो सकें |

Language: Hindi