स्वामी दयानन्द और स्वामी विवेकानंद एक तुलनात्मक अध्ययन में दोनों भारतीय संस्कृति के नायकों की जीवनी एवं उनका दार्शनिक मन्तव्य तथा वेदों के प्रति उनकी आस्था को दर्शाया है, एवं स्वामी दयानन्द जी ने सम्पूर्ण जीवन वेदों के अनुसार यापन किया तथा प्रत्येक घटना को खुद अनुभव करके वैज्ञनिक के साथ प्रस्तुत किया, अपितु स्वामी विवेकानंद जी ने कही-कही सुनी-सुनाई बातों का भी समर्थन किया है |

Language: Hindi

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