Haridwar Ka Prasad

हरिद्वार का प्रसाद

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This tiny book shows the path of living happy life.

यह लघु पुस्तक सुखी संसार के सरल साधनों के बारे में बताती है

Language: Hindi
SKU: 08013 Category: Tag:

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Cover Paper Back
Length (cms) 13.6
Width (cms) 10.7
Height (cms) 0.2
Qty Single Book
Translation / Original Original
Translator
Current Copy Year 2013
Total Page 30

 

 

 

 

 

 

गंगोत्री से निकलने वाली गंगा उत्तरकाशी ऋषिकेश होती हुई हरिद्वार पहुंचती है | यह कहीं रुकती नही ही चलती ही रहती है | न दिन को आराम, न रात को विश्राम | मानव तेरा जीवन भी गंगा की भांति आगे बढ़ना है और अंत में प्रभु प्यारे से मिलाप करना है परन्तु इसके लिए साधना करनी पड़ती है | आप हरिद्वार आये हैं | यहाँ से कुछ प्रसाद लेकर जाना चहिए| इसी प्रसाद का वर्णन इस नन्हीं सी पुस्तक में है | प्रभु-मिलन का सीधा मार्ग तो अष्टांग योग है | परन्तु लोग सुगम साधन की खोज करते है, उन्हीं कर वर्णन यहां किया गया है | Specifications : Cover Paper Back Length (cms) 13.6 Width (cms) 10.7 Height (cms) 0.2 Qty Single Book Translation / Original Original Translator Current Copy Year 2013 Total Page 30
Weight 20 g
Dimensions 13.6 × 10.7 × 0.2 cm
Language

Hindi

Authors

Mahatma Anand Swami

Publisher

Vijay Kumar Govindram Hasanand

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