All the philosophists have acclaimed supermacy of the Indian 6 Darshans. It is necessary to read and understand these Darshans in order to know about Atma, Parmatma, Matter, etc.
Cover |
Hard Binding |
Length (cms) |
21.9 |
Width (cms) |
14.5 |
Height (cms) |
3.4 |
Qty |
Single Book |
Translation / Original |
Original |
Translator |
|
Current Copy Year |
2018 |
Total Page |
542 |
संसार के सभी दार्शनिकों ने भारतीय छः दर्शनों की महानता स्वीकार की है। महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने भी छः दर्शनों को वेद का उपांड.ग स्वीकार किया है और पठन-पाठन का विधान भी बताया है। आत्मा, परमात्मा, प्रकृति आदि दार्शनिक सिद्धान्तों, तथ्यों को समझने के लिए दर्शनों को पढ़ना, समझना जरूरी है।
इस पुस्तक में न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त छः दर्शनों के मूल सूत्रों का सूत्रार्थ (अर्थ) किया गया है। इस पुस्तक की विशेषता ये है कि छः दर्शनों का संग्रह एक ही पुस्तक में किया है। प्रत्येक स्वाध्यायशील व्यक्ति के लिए पुस्तक उपयोगी है।
Specifications :
Cover
Hard Binding
Length (cms)
21.9
Width (cms)
14.5
Height (cms)
3.4
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Single Book
Translation / Original
Original
Translator
Current Copy Year
2018
Total Page
542
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