Education helps in development of human life including development of body, heart and mind. Student can get correct path in their life by study of various course subjects. But spiritual development can happen only through moral education which lets students learn about human values.
Arya samaj has prime objective of physical, spritual and social development of all humans. Under this objective a series of books containing Moral Education has bean published for students of classes 1 to 12 as per their respective capability.
Specifications :
Cover |
Paper Back |
Length (cms) |
21.2 |
Width (cms) |
13.5 |
Height (cms) |
0.2 |
Qty |
Single Book |
Translation / Original |
Original |
Translator |
|
Current Copy Year |
2016 |
Total Page |
80 |
शिक्षा से ही मानव जीवन का विकास होता है | और इसके द्वारा मनुष्य के शरीर, हृदय तथा मस्तिष्क का विकास होता है | विद्यालयों में विभिन्न विषयों का पठन-पाठन विद्यार्थियों को अपने जीवन मे सही दिशा प्राप्त करने में सहायक होता है, परन्तु उसका आत्मिक विकास, नैतिक शिक्षा के द्वारा ही संभव है, और इसी से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए मानवीय मूल्यों की शिक्षा मिलती है |
आर्यसमाज का सदैव प्रयास रहा है कि इन मानव मूल्यों से विद्यार्थियों को प्रारम्भ में ही अवगत करा दिया जाये | इसी उदेश्य को ध्यान में रखकर दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा से सम्बद्ध आर्य विद्या परिषद्, दिल्ली ने शिष्टाचार एवं नैतिक शिक्षा की पुस्तकें बच्चों को उपलब्ध कराई हैं | जिनके द्वारा उनमें अच्छे संस्कार और ईश्वर में विश्वास आदि के साथ-साथ महापुरुषों के जीवन-चरित्र, उनकी शिक्षाएँ और सदाचार की शिक्षा देने वाली कहानियां भी सम्मिलित की गई हैं |
Specifications :
Cover |
Paper Back |
Length (cms) |
21.2 |
Width (cms) |
13.5 |
Height (cms) |
0.2 |
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Translation / Original |
Original |
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Current Copy Year |
2016 |
Total Page |
80 |
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